बेमेतरा। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने सोमवार को यहां कलेक्ट्रेट के दिशा सभा कक्ष में जिले में कृषक पंजीयन की प्रगति की समीक्षा की। शर्मा ने कहा कि...
बेमेतरा। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने सोमवार को यहां कलेक्ट्रेट के दिशा सभा कक्ष में जिले में कृषक पंजीयन की प्रगति की समीक्षा की। शर्मा ने कहा कि पंजीयन डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य कृषि भूमि स्वामियों का एकीकृत डाटाबेस तैयार करना है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्र कृषकों तक पारदर्शी और सुचारू रूप से पहुँचे।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत टेकचंद अग्रवाल, कृषि सहित जुड़े उप संचालक कृषि एम.डी. डडसेना, उप संचालक पशुधन विकास विभाग राजेन्द्र भगत, जिला प्रबंधक (EDM) महेन्द्र देशमुख, अनुविभागीय कृषि अधिकारीजितेन्द्र कुमार ठाकुर, सहायक संचालक कृषि डॉ. श्याम लाल साहू, सहायक संचालक उद्यान हितेन्द्र मेश्राम सहित सभी विकासखण्डों के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, पशु चिकित्सक, मत्स्य निरीक्षक एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान उप संचालक कृषि एम.डी. डडसेना ने बताया कि कृषक पंजीयन कार्य CSC केंद्रों, स्वयं पंजीयन एवं सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किया जा रहा है। जिले में कुल 1,86,932 भू-धारक कृषक हैं, जिनमें से अब तक 47,364 कृषकों का पंजीयन किया जा चुका है। कुल कृषक पंजीयन में बेमेतरा जिले का 10वां स्थान है, जबकि पीएम किसान लाभार्थी कृषकों के पंजीयन में जिले की स्थिति 8वें स्थान पर है।
’बैठक में कलेक्टर शर्मा ने विकासखण्डवार एवं ग्राम कृषि विस्तार अधिकारीवार पंजीयन की समीक्षा करते हुए अगले 3 दिनों के भीतर शत-प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से इस अभियान को प्राथमिकता देने तथा अधिक से अधिक कृषकों को इस योजना से जोड़ने पर जोर दिया।
यह पंजीयन न केवल सरकारी योजनाओं के लाभों को सुव्यवस्थित करने में सहायक होगा, बल्कि इससे कृषि अनुदान, बीमा, सब्सिडी एवं अन्य सुविधाओं का वितरण भी सुगम और प्रभावी होगा। साथ ही, इससे कृषि नीति निर्माण एवं संसाधनों के समुचित आवंटन में भी सहायता मिलेगी।बेमेतरा प्रशासन कृषक हित में निरंतर कार्यरत है और इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से प्रयासरत है।
कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कृषि से जुड़े सभी संबंधित विभागों के कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों को लाभान्वित करना और उनकी स्थिति को मजबूत बनाना प्राथमिकता में शामिल है। जिले में किसानों की स्थिति को और बेहतर बनाने के लिए धान के साथ-साथ अन्य व्यवसायिक फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन दलहन और तिलहन की फसलों को बढ़ावा भी दिया जा रहा है। किसानों को इसका लाभ सुनिश्चित कर दलहन और तिलहन की खेती के लिए उन्हें प्रेरित करें।
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