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फेरोमोन ट्रैपरू मक्का की फसल को सैनिक कीट से बचाने का कारगर उपाय

सुकमा। जिले के किसान इन दिनों मक्का की फसल में सैनिक कीट (फॉल आर्मी वार्म) के बढ़ते प्रकोप से चिंतित हैं। इस कीट के कारण फसलों को गंभीर नुकसा...


सुकमा। जिले के किसान इन दिनों मक्का की फसल में सैनिक कीट (फॉल आर्मी वार्म) के बढ़ते प्रकोप से चिंतित हैं। इस कीट के कारण फसलों को गंभीर नुकसान हो सकता है। किसानों ने समस्या की जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र के

विशेषज्ञों को दी, जिसके बाद छिन्दगढ़ विकासखंड के ग्राम चिपुरपाल और पुजारीपाल में कृषि वैज्ञानिकों ने प्रभावित क्षेत्रों

का सर्वे किया। सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि फॉल आर्मी वार्म की इल्ली का आक्रमण फसलों पर अधिक हो चुका है। कृषि विज्ञान केंद्र के पौध रोग विशेषज्ञ  राजेंद्र प्रसाद कश्यप और कीट विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. योगेश कुमार सिदार व परमेश सिंह सोरी ने किसानों को इस कीट के लक्षण और प्रभाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कीट

अमेरिका से मक्का और अन्य फसलों में फैलने वाला एक प्रमुख कीट है, जिसका वैज्ञानिक नाम स्पोडोप्टेरा फ्रुजीपरड़ा है।

मक्का की फसल में इस कीट का प्रकोप 20-25 दिन की अवस्था में शुरू होता है और 30-45 दिन की अवस्था में यह अधिक नुकसान पहुंचाता है। विशेषज्ञों ने किसानों को सुझाव दिया कि इस समस्या से निपटने के लिए फेरोमोन ट्रैप का उपयोग एक प्रभावी और किफायती समाधान है। फेरोमोन ट्रैप एक सरल उपकरण है जो मादा कीट की गंध का उपयोग करके नर कीटों को आकर्षित करता है। इन ट्रैप में नर कीट फंस जाते हैं, जिससे उनकी संख्या नियंत्रित होती है और फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है। किसान यह ट्रैप आसानी से खाद-बीज की दुकानों से खरीद सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करने से फसल को भारी नुकसान से बचाया जा सकता है और किसानों को आर्थिक रूप से राहत मिलती है। कृषक मित्र लच्छू राम भोयर, रमेश कश्यप व रत्न नाग ने फ़ेरोमैन ट्रैप की सराहना की।

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