राजनांदगांव। शासकीय कमला देवी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनंादगांव के रासेयो इकाई का सात दिवसीय विशेष शिविर डोंगरगांव विकासखंड के ग्रा...
राजनांदगांव। शासकीय कमला देवी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनंादगांव के रासेयो इकाई का सात दिवसीय विशेष शिविर डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम सालिकझिटिया में संस्था प्राचार्य डॉ. आलोक मिश्रा के प्रमुख संरक्षण में आयोजित किया गया।
विशेष ग्राम शिविर के नियमित बौद्धिक चर्चा कार्यक्रम में विशिष्ट रूप से आमंत्रित नगर के पर्यावरण विज्ञ डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने छात्रा स्वयंसेवकों को पर्यावरण संरक्षण की गौरवशाली भारतीय परंपराएं विषय पर दिए विचार व्याख्यान में बताया कि हमारी सनातन संस्कृति में सदा-सर्वदा से पर्यावरण संरक्षण को परम पुण्यात्म कार्य माना गया है।
आदिकाल से ही हमारे वैदिक ग्रंथ, पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति तत्वों - जल, मिट्टी, वायु के संवर्धन को अतीव वरियता एवं महत्ता प्रदान करते आए है।
पृथ्वी को माता स्वरूप मानते हुए जल, मिट्टी, वायु और वृक्षों को देव समान पूजन, अभिसिंचन के साथ-साथ मानते हुए उनके संरक्षण को अनिवार्य कार्य-प्रकम का दर्जा दिया गया है तथा सृष्टि का प्रत्येक जीव मानवीय सभ्यता की संरक्षा एवं विकास का महत्तम आधार माना गया है।
आगे डॉ. द्विवेदी ने रासेयो छात्राओं एवं ग्रामवासियों को पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन हेतु विशेष आह्वान करते हुए घर-घर, डगर-डगर एवं समस्त सार्वजनिक स्थलों में हरियाली-हरितिमा वाले विशेष फलदार वृक्ष लगाने का संकल्प दिलाया तथा नित्य जीवनचर्या में प्रत्येक जन-जन को पर्यावरण संवर्धन के मूल आधार वृक्ष-लताओं की महिमा और उनके लाभों से श्रेष्ठ उदाहरणों के साथ अवगत कराया तथा प्रेरक कथानक भी सुनाएं।
डॉ. द्विवेदी ने प्रत्येक घर में, आवास में, परिसर में पंच वृक्ष - नीव, आम, जामुन, अमरूद, केला आदि अवश्य लगाये जाने चाहिए तथा सर्वाधिक प्राण वायु देने वाले बरगद, पीपल और बेल-लता-पौधों को सार्वजनिक स्थल पर प्रमुखता से लगाकर ही प्रमुख पर्यावरणीय आपदाओं जैसे भूमण्डलीय तापन, और जलवायु परिवर्तन से बचाया जा सकेगा।
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