नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए भारतीय युवाओं का आह्वान किया कि वे देश में वह उच्च तकनीक व...
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए भारतीय युवाओं का आह्वान किया कि वे देश में वह उच्च तकनीक विकसित करें, जिनका देश आयात करता है। उन्होंने यह बातें बीते शनिवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर में 65वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करने के दौरान कहीं।
रक्षा मंत्री ने आज हर क्षेत्र में हो रहे तेजी से बदलाव के पीछे ‘प्रौद्योगिकी’ को सबसे बड़ा कारक बताया, जिसमें देश वर्तमान सामरिक परिदृश्य में बढ़त स्थापित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी विशिष्ट तकनीक में महारत हासिल करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इसे आगे समझाते हुए उन्होंने बताया कि तकनीकी विकास के आधार पर देशों के तीन समूह हैं- पहला उन्नत तकनीक में शिखर पर है, दूसरे एक स्थिर स्थिति में पहुंच गए हैं और तीसरे तकनीकी टेक-ऑफ के चरण में हैं।
भारत को तीसरे समूह में रखते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र आज तकनीकी प्रगति में शीर्ष स्थान की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी पर पकड़ बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और युवाओं से अपनी क्षमता का एहसास करने और देश की प्रगति में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने आईआईटी कानपुर जैसे संस्थानों को अकादमिक इंजन करार दिया, जो वर्तमान प्रतिस्पर्धी माहौल में भारत को एक गतिशीलता प्रदान कर सकते हैं और इसे पहले सेट में स्थान दे सकते हैं।
इस दौरान राजनाथ सिंह ने आईआईटी कानपुर में स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) द्वारा आयोजित एक रक्षा प्रदर्शनी का दौरा किया। इसमें 23 एसआईआईसी-इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप के बारे में जानकारी दी गई, जो स्वायत्त प्रणाली, एआई-संचालित निगरानी और अगली पीढ़ी के संचार उपकरणों जैसी रक्षा प्रौद्योगिकी में प्रगति पेश करते हैं। रक्षा मंत्री ने प्रदर्शनी स्टालों पर स्टार्ट-अप संस्थापकों और अनुसंधान टीमों के साथ बातचीत की और राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने में उनके योगदान की सराहना की।
इस दौरान कई समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए, जिसमें सैन्य रसद और रक्षा नवाचार में प्रगति के लिए बीईएमएल और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ आईआईटी कानपुर के सहयोग और इनक्यूबेशन प्रयासों को मजबूत करने के लिए कानपुर विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी शामिल है। डीडीआर एंड डी के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने छह परिवर्तनकारी डीआरडीओ परियोजनाओं के लिए स्वीकृति पत्र प्रस्तुत किए।
देश की नवीनतम रक्षा पहलों के बारे में की गई चर्चा
इस कार्यक्रम में देश की नवीनतम रक्षा पहलों, जैसे कि आईडीईएक्स की डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज 12 और अदिति 2.0 चुनौतियों पर महत्वपूर्ण चर्चाएं शामिल थीं, जिन्होंने रक्षा नवाचार परिदृश्य में मूल्यवान जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम में सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल, एसआईआईसी के प्रभारी प्रोफेसर दीपू फिलिप, संस्थान के छात्र और प्रतिष्ठित पूर्व छात्र शामिल हुए।
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