बीजापुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर प्रवास के दौरान हेलिपेड स्थित विश्रामगृह में आत्मसमर्पित नक्सली एवं नक्सली हिंसा से पीड़ित युव...
बीजापुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर प्रवास के दौरान हेलिपेड स्थित विश्रामगृह में आत्मसमर्पित नक्सली एवं नक्सली हिंसा से पीड़ित युवा जो पुलिस विभाग में भर्ती होकर माओवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं उनसे संवाद किया। इस दौरान नक्सली पीड़ित नव आरक्षक सुमित्रा ने बताया कि उनके पिता का नक्सलियों ने 2013 में हत्या कर दिया था और छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति के तहत 2023 मे आरक्षक के पद पर नियुक्त हुए है। शासन के पुनर्वास नीति नक्सल पीड़ित परिवार के वरदान साबित हो रही है।
वहीं चेरकंटी निवासी मंगल मोड़ियम पूर्व में 19 वर्षों तक नक्सल संगठन में शामिल था माओवादियों के खोखली विचारधारा को छोड़कर आत्मसमर्पण किया जिन्हें पुलिस विभाग में नियुक्ति मिली। मंगल मोड़ियम ने बताया कि बस्तर, बीजापुर में शांति स्थापित होना जरूरी है। भोले-भाले आदिवासियों का नक्सलियों द्वारा जल, जंगल, जमीन के नाम पर गुमराह किया जाता है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी को नवरात्र की शुभकामनाएं दी और नक्सल संगठन को छोड़कर पुनर्वास नीति से लाभान्वित होने पर खुशी जाहिर की। वहीं आज सुरक्षाबलों द्वारा बस्तर क्षेत्र में 14 नक्सलियों को ऑपरेशन के दौरान मारे जाने पर बधाई दी और कहा कि बस्तर अब शांति की ओर अग्रसर है।
नक्सलियों के हिंसा के शिकार 55 से ज्यादा लोगों ने दिल्ली जाकर महामहिम राष्ट्रपति एवं गृहमंत्री से मिले और नक्सलवाद के खिलाफ अपना आवाज बुलंद किए। इन पीड़ितों के किसी के हाथ नहीं थे किसी ने अपना पैरा गवांया किसी ने अपना आंख गवाया उनके बातों को सुनकर बहुत ही दुख लगा कि निर्दोष लोगों को किस तरह नक्सली मौत के घाट उतार देते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान सभी सुरक्षाबलों के साथ फोटो सेशन कराया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप, बस्तर सांसद महेश कश्यप, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, बस्तर आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार उपस्थित थे।
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