Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

ब्रेकिंग

latest
//

‘अगर स्कूल ही सुरक्षित नहीं हैं तो…’, बदलापुर केस में बॉम्बे हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

मुंबई। बदलापुर में 4 साल की बच्चियों से यौन शोषण के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई की गई...

मुंबई। बदलापुर में 4 साल की बच्चियों से यौन शोषण के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान जस्टिस मोहिते-डेरे की पीठ ने इस मामले में कहा कि ‘अगर स्कूल सुरक्षित जगह नहीं है, तो शिक्षा के अधिकार और ऐसी चीजों के बारे में बात करने का क्या फायदा है? यहां तक कि 4 साल की बच्चियों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। यह क्या स्थिति है? यह बेहद चौंकाने वाली है।’

सुनवाई के दौरान एजी बीरेंद्र सराफ ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे और एसआईटी कोई कसर नहीं छोड़ेगी और इस मामले को तेजी से आगे बढ़ाएगी। अदालत ने राज्य सरकार से हलफनामा मांगा है जिसमें मामले को एसआईटी को सौंपे जाने से पहले बदलापुर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण हो। मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।

राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ ने कहा कि इस मामले में एक पीड़िता का बयान दर्ज किया गया है। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उसका बयान दिन में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल में एक प्रशासक नियुक्त किया गया है और स्कूल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सराफ ने कहा कि पीड़ितों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी और बयान दर्ज किए जाएंगे।

क्या है पूरा मामला?

ठाणे के एक स्कूल में टॉयलेट में 4 साल की दो बच्चियों का यौन शोषण किया गया। घटना 13 अगस्त की है। बच्चियों में एक ने 16 अगस्त को मामले की जानकारी परिजनों को दी। इस घटना का खुलासा उस समय हुआ जब एक बच्ची ने 16 अगस्त को स्कूल जाने से मना कर दिया। उसने अपने पेरेंट्स को बताया कि जब वह टॉयलेट का इस्तेमाल करने के लिए गई थी तो आरोपी ने उसके प्राइवेट पार्ट को छुआ था।

No comments

दुनिया

//