रायपुर। चिटफंड फ्रॉड पीड़ितों को एक महीने के भीतर 3.50 करोड़ रुपए बांटे जाएंगे। ये रकम जिला प्रशासन के पास जमा है। 30 हजार पीड़ित, जिन्हें पैस...
रायपुर। चिटफंड फ्रॉड पीड़ितों को एक महीने के भीतर 3.50 करोड़ रुपए बांटे जाएंगे। ये रकम जिला प्रशासन के पास जमा है। 30 हजार पीड़ित, जिन्हें पैसे बांटने हैं उनकी पहचान कर ली गई है। इसके लिए अफसरों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।
हालांकि पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद ही इसकी प्रक्रिया रोक दी गई थी। उसके बाद से अब तक पीड़ितों को पैसा वापस करने कोई प्रयास नहीं किए गए। मुख्य सचिव को सूचना मिलने पर वे खासे नाराज हुए।
उन्होंने सभी कलेक्टरों से कहा कि जिनके पास भी चिटफंड कंपनियों का पैसा जमा है वे तुरंत उसे पीड़ितों को बांटे। इसके लिए हर जिले में एक नोडल अफसर बनाने कहा गया है। क्योंकि पुराने काम देख रहे अधिकतर अफसरों के तबादले हो चुके हैं। इसलिए नए सिरे से अफसरों की जिम्मेदारी तय की जाए।
रायपुर जिला प्रशासन के खाते में भी 3.50 करोड़ है। ये रकम करीब दो साल पहले फ्रॉड चिटफंड कंपनियों की प्रॉपर्टी बेचने से प्राप्त हुई है। इसे बांटने के लिए पीड़ितों से आवेदन भी मंगवाए जा चुके हैं। लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण ये रकम अब तक नहीं बंट पाई है।
अफसरों का कहना है कि पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव की वजह से प्रक्रिया को रोकना पड़ गया था। रायपुर कलेक्टर ने अब इस काम के लिए अपर कलेक्टर कीर्तिमान राठौर को जिम्मेदारी दी है। उनसे कहा गया है कि एक महीने के भीतर जिन पीड़ितों को पैसा वापस करना है उन्हें कर दिया जाए।
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