रायपुर । आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (ईओडब्लू) ने कोल घोटाले में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई और पूर्व उपसचिव सौम्या चौ...
रायपुर । आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (ईओडब्लू) ने कोल घोटाले में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई और पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की है। ये एफआईआर उनके वेतन से कहीं अधिक संपत्ति खरीदने के आरोपों पर आधारित है।
नई एफआईआर के मुताबिक नौकरी के दौरान सौम्या चौरसिया ने 9.20 करोड़ रुपए, रानू साहू ने 4 करोड़ रुपए तथा समीर विश्नोई ने 5 करोड़ रुपए की संपत्ति खरीदी, जबकि इस दौरान तीनों को इससे कई गुना कम वेतन मिला।
अफसरों ने बताया कि अब तीनों को इस नई एफआईआर के तहत अलग-अलग गिरफ्तार किया जाएगा। अब भी तीनों के खिलाफ ईडी और ईओडब्लू में कोल घोटाले के तहत दर्ज किए गए केस चल ही रहे हैं। ईओडब्लू से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया और परिवार के नाम पर 9 करोड़ 20 लाख रुपए की 29 अचल संपत्ति होने की पुष्टि ईओडब्ल्यू ने की, जो केवल एक साल के भीतर यानी 2021 से 2022 के बीच खरीदी गई थी। इस दौरान सौम्या को जो कुल वेतन मिला, यह संपत्ति उससे कई सौ गुना अधिक है।
इसके अलावा निलबित आईएएस रानू साहू पर वर्ष 2015 से 2022 तक करीब 4 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति स्वयं तथा पारिवारिक सदस्यों के नाम से खरीदने का आरोप है। जबकि नौकरी में आने के बाद से उन्हें वेतन के रूप में 92 लाख रुपए ही मिले थे। इसी तरह, निलबित आईएएस समीर बिश्नोई का वर्ष 2010 से 2022 तक का कुल वेतन 93 लाख रुपए निकाला गया है। जबकि इस अवधि में उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर 5 करोड़ रुपए की कई अचल संपत्ति खरीदीं। यह भी उनके वेतन से कई गुना अधिक है। तीनों एफआईआर नंबर 22, 23 और 24 चूंकि अलग-अलग दर्ज हुई हैं, इसलिए तीनों को इस मामले में अलग-अलग गिरफ्तार किया जाएगा और नया केस चलेगा।
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