सूरजपुर । आयुष्मान आरोग्य मंदिर जरही ने स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को सिकल सेल, टीबी, बीपी, सुगर, कैंसर आदि जानकारी दिया। जरही ...
सूरजपुर । आयुष्मान आरोग्य मंदिर जरही ने स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को सिकल सेल, टीबी, बीपी, सुगर, कैंसर आदि जानकारी दिया। जरही क्षेत्र पूर्ण रूप से विकसित है इसे ऊर्जा नगरी भी कहा जाता है। कोल माइंस क्षेत्र होने के कारण रोजगार के भरपूर संसाधन है। विगत दिनों आयुष्मान आरोग्य मंदिर में शिविर लगाकर लोगों का सिकल सेल, बीपी सुगर आदि का जांच किया गया। इसके साथ ही साथ टीबी एवं अन्य बिमारियों का स्क्रीनिंग भी किया गया। इस अवसर पर केन्द्र प्रभारी आरएमएल कमलेश सोनी ने कहा कि सिकल सेल का जांच प्रायः शादी से पहले सभी को करना चाहिए।
जिस तरह शादी से पहले कुण्डली का मिलान किया जाता है उसी तरह लड़का-लड़की का सिकल सेल का जानकारी रखकर शादी करना लाभदायक है । हिमोग्लोबिन हमारे शरीर के कोशिकाओं को आक्सीजन पहुंचाता है सिकल सेल से प्रभावित व्यक्ति इस क्रिया में बाधा पहुंचती है। जिससे व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब होने लगता है। उसी प्रकार जब भी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खांसी हो तो टीबी का जांच कराना चाहिए। टीबी से अब घबराने वाली कोई बात नहीं है। टीबी की दवा सभी शासकीय अस्पतालों में उपलब्ध है। पिरामल फाऊंडेशन के जिला कार्यक्रम समन्वयक राज नारायण द्विवेदी ने टीबी मुक्त पंचायत के मापदंडों को बताया। टीबी मुक्त पंचायत के निर्माण से हम टीबी के भय से मुक्ति मिलेगी। टीबी की बिमारी हवा के माध्यम से फैलती है।
जब आपके गांव में टीबी के रोगी नहीं रहेंगे तो टीबी फैलने का भय नहीं रहेगा। इस लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर टीबी के लिए जागरूकता अभियान चला कर लोगों का स्क्रीनिंग किया जाता है। और सम्भावित टीबी पेसेंटों का खोज कर जांच कराया जाता है। बाबू लाल चौधरी ने अथक प्रयास कर प्रति माह टीबी का स्क्रीनिंग कर बहुतायत लोगों का जांच कराया जाता है। बाबू लाल स्थानीय भाषा का बखूबी इस्तेमाल करने जानते हैं इसलिए लोग इनकी बातों को समझ जाते हैं। सिकल सेल एवं टीबी जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने में मितानिन दिदीयों का अहम् भूमिका है। कार्यक्रम में सभी मितानिन सहभागी रहे।
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