बालोद। चंद पैसों के विवाद में इंसान किस तरह से इंसान के खून का प्यासा बन जाता है इसकी बानगी जिले के ग्राम रमतरा में देखने को मिली. दरअसल, बी...
बालोद। चंद पैसों के विवाद में इंसान किस तरह से इंसान के खून का प्यासा बन जाता है इसकी बानगी जिले के ग्राम रमतरा में देखने को मिली. दरअसल, बीते शनिवार की रात ग्राम तितुरगहन के पास एक बोरी में एक अज्ञात महिला की लाश मिली थी, बालोद पुलिस ने 24 घंटे के भीतर इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझा लिया है. महिला की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके पति ने अपने दोस्त और मृतिका के प्रेमी के साथ मिलकर की थी, पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
बता दें कि शनिवार को देर रात अज्ञात महिला की लाश बोरी में बंद ग्राम तितुरगहन सड़क किनारे बरामद हुई थी. लाश मिलने की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई. इस दौरान मृतक महिला की शिनाख्त भेश्वरी उर्फ छोटी साहू के रूप में हुई, जो की थाना सनौद के अंतर्गत आने वाले ग्राम रमतरा में रहती थी. पुलिस ने बताया कि मृतिका उसके पति ख़िलावन साहू की दूसरी पत्नी थी. दोनों की शादी के कुछ दिनों तक सब ठीक रहा उसके बाद दो पत्नियां होने से दोनों में आपस मे आए दिन लड़ाई झगड़ा होता रहता था. रोज-रोज के झगड़े से परेशान होकर आरोपी पति ने अपने दोस्त डिसूराम के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची.
डिसूराम ने योजना के अनुसार मृतिका को फोन कर धमतरी बुलाया और दोपहिया में बिठाकर अपने गांव रामपुर ले गया. जहां उसने खेत मे मृतिका के साथ बैठकर शराब पी और उसके बाद नशे की हालत में उसका मुंह और नाक दबाकर मौत के घाट उतार दिया। हत्या को अंजाम देने के बाद वह सबूत छिपाने मृतिका की लाश को लेकर बोरी में भरकर ठिकाने लगाने रमतरा ला रहा था, इस दौरान भीड़ के बीच से गुजरते वक्त वह डर गया और पकड़े जाने के डर से लाश को सड़क किनारे फेंककर अपने घर निकल गया. मामले की जांच के दौरान पुलिस ने कॉल डिटेल और कई सीसीटीवी कैमरे की जांच की, इस दौरान उन्हें आरोपी का क्लू मिला. जिसके बाद उन्होंने जब डिसूराम से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
इस पूरे हत्याकांड में जो सबसे हैरान कर देने वाली बात है कि मृतिका की हत्या से पहले दोनों ने पैसों के लालच में उसका 3 लाख का बीमा करवाया था. ताकि बीमा की राशि मिलने पर आपस में बांट सकें. गौरतलब है कि दोनों आरोपी आदतन अपराधी है और पहले भी हत्या के मामले में जेल जा चुके है. पत्नी की हत्या का आरोपी ख़िलावन साहू इससे पहले अपनी बुआ की हत्या के मामले में जेल गया था. उसने साल 2002 में उसकी हत्या की थी और 2009 में सेंट्रल जेल से छुटा था. आरोपी का दोस्त डिसूराम भी सेंट्रल जेल में था. साल 2000 में डिसूराम ने अपने एक दोस्त की पत्नी और उसके मासूम बच्चे को मौत के घाट उतारकर, उसे टुकड़ो में काटकर नल के पाइप में डाल दिया था. जेल में सजा काटने के दौरान दोनों की दोस्ती हुई थी. जेल से छूटने के बाद दोनों का एक दूसरे के घर मे आना-जाना था. इसी बीच मृतिका और डिसूराम एक दूसरे के प्रेम में पड़ गए. जब दोनों के बीच बातचीत की खबर खिलावन को लगी तो उसने डिसूराम के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची और भेश्वरी को मौत के घात उतार दिया. मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है.
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