बिलासपुर। सिम्स में शासन स्तर पर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए चलने वाला सर्वर 20 मार्च से बंद पड़ा हुआ है। इसकी वजह से बीते 11 दिनो...
बिलासपुर। सिम्स में शासन स्तर पर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए चलने वाला सर्वर 20 मार्च से बंद पड़ा हुआ है। इसकी वजह से बीते 11 दिनों से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। बताया जा रहा है कि अपग्रेडेशन की प्रक्रिया चल रही है, इसलिए सर्वर ठप चल रहा है। इसके चलते रोजाना 40 से 50 लोगों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सिम्स के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। हालांकि प्रबंधन के द्वारा इस बारे में सूचना पटल चस्पा की गई है, लेकिन महज 48 घंटे में बनने वाला सर्वर 10 दिनों से ठप है। ऐसे में लोगों के काम रुक रहे हैं।
सर्वर ठप होने के बाद राज्य की तकनीकी टीम लगातार इस पर काम कर रही है, लेकिन सर्वर चालू नहीं कर पा रहे हैं। टीम को सर्वर ठीक करने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया था। वहीं 11 दिन होने के बाद भी सर्वर चालू नहीं किया जा सका है। टेक्नीशियन के अनुसार सर्वर का डाटा हस्तातंरण करने में टीम को समय लग रहा है, जिसके चलते अभी दो से चार दिन और लग सकते हैं। इस बीच हितग्राहियों को बेवजह परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसमें से कई हितग्राही अपना काम धंधा छोड़कर सिम्स पहुंच रहे हैं, लेकिन सर्वर की समस्या के चलते उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है। जानकारों के अनुसार रोजाना 40 से 50 प्रमाण पत्र बनाए जाते रहे हैं, लेकिन वर्तमान में हितग्राहियों को वापस भेज दिया जा रहा है। यह धीरे-धीरे एक बड़ी समस्या बनती जा रही है।
जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जिले के ही हितग्राही ही नहीं भटक रहे हैं। आसपास के जिले अंतर्गत कोरबा, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, अंबिकापुर, भाटापारा के मरीज के स्वजन भटक रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश और ओडिशा के लोगों को भी इसकी वजह से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। संभाग का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने के कारण इलाज और डिलीवरी के लिए रोजाना सैकड़ों मरीज सिम्स पहुंचते हैं। वहीं एक्सीडेंटल केस भी दर्जनों की तादात में आते हैं। इसके चलते यह परेशानी बड़ी साबित हो रही है। हितग्राहियों को प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर मायूस होना पड़ता है।
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